*……सबको लड़ना पड़ता है…….*
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……सबको लड़ना पड़ता है…….
जज को भी गवाही देनी पडती है, पोलीस को भी कैदी बनना पडता है, डॉक्टर को भी दवाई खानी पड़ती हैं, अध्यापिका को भी पढ़ना पड़ता है।
ज़हर को मीठी गोली कहा जाता, कीचड को अपयश कहा जाता है .
उड़ने पर जमीन पर पैर नही सुनना पड़ता है।
शांत बैठने पर खामोश,
और बातों पर जायें तो बोलबच्चन कहते है।
लड़की को नाजुक कोमल,
लड़के को पत्थर सा बनाया जाता है ||
पंछी को मुसाफिर
पतंग को खेल बनाया जाता है ।
इस दुनिया में सबका मजाक बनाया जाता है !
दिल की खुबसूरती को मुखड़े से बयां किया जाता है ।।