“सबको जोड़ती हमारी संस्कृति एक”
राज्य हैं अनेक
भाषा बोलियां अनेक
सबको जोड़ती हमारी संस्कृति एक
धर्म हैं अनेक
उनके पर्व हैं अनेक
सबको जोड़ती हमारी संस्कृति एक
रूप है अनेक
और स्वरूप भी अनेक
सबको जोड़ती हमारी संस्कृति एक
परिधान हैं अनेक
खान-पान भी अनेक
सबको जोड़ती हमारी संस्कृति एक
नृत्य हैं अनेक
लोकगीत भी अनेक
सबको जोड़ती हमारी संस्कृति एक
इसकी सुरक्षा के
जतन करें हम अनेक
सबको जोड़ती हमारी संस्कृति एक
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डॉ. रीतेश कुमार खरे
संयोजक: संस्कृति क्लब
रघुवीर सिंह राजकीय महाविद्यालय ललितपुर