Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jul 2024 · 1 min read

सबके सुख में अपना भी सुकून है

सबके सुख में अपना भी सुकून है
फिर भी लगता है हमसे क्या परी है

ये दुःख संसार में लाजिमी है ‘अमरो’
लगता है हर बार ये सितम आखिरी है

50 Views

You may also like these posts

वो तो मां है जो मुझे दूसरों से नौ महीने ज्यादा जानती है
वो तो मां है जो मुझे दूसरों से नौ महीने ज्यादा जानती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Raising a child
Raising a child
Shashi Mahajan
बैठी हूँ इंतजार में, आँधियों की राह में,
बैठी हूँ इंतजार में, आँधियों की राह में,
Kanchan Alok Malu
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
Harminder Kaur
#ਕੌਡੀ
#ਕੌਡੀ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेज़ुबान पहचान ...
बेज़ुबान पहचान ...
sushil sarna
कोरोना भजन
कोरोना भजन
Mangu singh
"जीभ"
Dr. Kishan tandon kranti
खौफ रहजन का रखे हो,.....
खौफ रहजन का रखे हो,.....
sushil yadav
pita
pita
Dr.Pratibha Prakash
एक चुप्पी
एक चुप्पी
Lalni Bhardwaj
सृष्टि के कर्ता
सृष्टि के कर्ता
AJAY AMITABH SUMAN
..
..
*प्रणय*
तूने मुझे भुला तो कबका दिया था, तूने बताया तब जब कोई और मिला
तूने मुझे भुला तो कबका दिया था, तूने बताया तब जब कोई और मिला
Iamalpu9492
आज, तोला चउबीस साल होगे...
आज, तोला चउबीस साल होगे...
TAMANNA BILASPURI
बचपन फिर लौट कर ना आया
बचपन फिर लौट कर ना आया
डॉ. एकान्त नेगी
मन मुकुर
मन मुकुर
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आत्मघाती हमला
आत्मघाती हमला
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
"अवध में राम आये हैं"
Ekta chitrangini
ग़ज़ल-न जाने किसलिए
ग़ज़ल-न जाने किसलिए
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
बलमू तऽ भइलें जुआरी
बलमू तऽ भइलें जुआरी
आकाश महेशपुरी
23/196. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/196. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्री अन्न : पैदावार मिलेट्स की
श्री अन्न : पैदावार मिलेट्स की
ललकार भारद्वाज
दिल धड़कने का
दिल धड़कने का
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम क्या है?
प्रेम क्या है?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*धार्मिक परीक्षा कोर्स*
*धार्मिक परीक्षा कोर्स*
Mukesh Kumar Rishi Verma
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
Dr Archana Gupta
पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...