सबकी जात कुजात
पानी भोजन कपड़े जूते मका सबकी जात
घड़े बनाये मैंने तुमने घड़े पानी की जात,
जूते बनाये मैंने तुमने अपमान की बात,,
मैले कपड़े धोकर मैंने किया मैला साफ,
दूर किया समाज से ये भला क्या बात,,
सब्जी उगाई अनाज उगाया फल और फूल,
तुमने मेरी मेहनत को बनाया सदा मजाक,,
घर पर बर्तन मांजे चौका सम्भाल बच्चे पाले,
तुमने आंख दिखा के इज्जत पर डाला हाथ,,
सदा करा शोषण कभी न दिया हक आवाज,
कभी तो करो समता ममता मनु वाली बात,,
आपका🙏
मानक लाल मनु विनीता मनु Manu Std