Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2017 · 1 min read

सफ़र….

लहरों की चदर को औढ़ कर
चलो हाथों से रौशनी को पकड़ते हैं
काग़ज़ की नईआ में बैठ कर
समंदर के सफ़र पे निकलते हैं
पानी के बुलबुलों के बीच में
नीली सी सिआही को भरते हैं
उर्दू जैसी सुंदर सी लहरें
पानी के हर्फ़ों को पड़ते हैं
नापते हैं मंज़िल की डग़र को
क़दम दो क़दम रास्ते पर बड़तें हैं
चंद बूँदों के झरनों की कहानी
चलो हवाओं से बातें करते हैं
लहरों की चदर को औढ़ कर
चलो हाथों से रौशनी को पकड़ते हैं
काग़ज़ की नईआ में बैठ कर
समंदर के सफ़र पे निकलते हैं
-राजेश्वर

627 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Rajeshwar Singh
View all
You may also like:
जो संस्कार अपने क़ानून तोड़ देते है,
जो संस्कार अपने क़ानून तोड़ देते है,
शेखर सिंह
जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया
जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया
VINOD CHAUHAN
काश ! ! !
काश ! ! !
Shaily
*योग दिवस है विश्व में, इक्किस जून महान (पॉंच दोहे)*
*योग दिवस है विश्व में, इक्किस जून महान (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
सुनबऽ त हँसबऽ तू बहुते इयार
सुनबऽ त हँसबऽ तू बहुते इयार
आकाश महेशपुरी
मैं तो अंहकार आँव
मैं तो अंहकार आँव
Lakhan Yadav
अ
*प्रणय*
विरह की वेदना
विरह की वेदना
surenderpal vaidya
गर्मी आई
गर्मी आई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नैनों की मधुरशाला में खो गया मैं,
नैनों की मधुरशाला में खो गया मैं,
Shambhavi Johri
Vo yaad bi kiy yaad hai
Vo yaad bi kiy yaad hai
Aisha mohan
कुछ पाने की कोशिश में
कुछ पाने की कोशिश में
Surinder blackpen
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
उनको देखा तो हुआ,
उनको देखा तो हुआ,
sushil sarna
हसरतों की राह में, यूँ न खुद को खोते रहो,
हसरतों की राह में, यूँ न खुद को खोते रहो,
पूर्वार्थ
Welcome to HBNO, your go-to destination for the finest essen
Welcome to HBNO, your go-to destination for the finest essen
HBNO OIL
कौन सा हुनर है जिससे मुख़ातिब नही हूं मैं,
कौन सा हुनर है जिससे मुख़ातिब नही हूं मैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Good morning 🌅🌄
Good morning 🌅🌄
Sanjay ' शून्य'
"कदम्ब की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
भक्ति गाना
भक्ति गाना
Arghyadeep Chakraborty
2988.*पूर्णिका*
2988.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आओ फिर से हम बिछड़ते हैँ
आओ फिर से हम बिछड़ते हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गीत-2 ( स्वामी विवेकानंद)
गीत-2 ( स्वामी विवेकानंद)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जब  बगावत  से  हासिल  नहीं  कुछ  हुआ !
जब बगावत से हासिल नहीं कुछ हुआ !
Neelofar Khan
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
Swami Ganganiya
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
" तेरा एहसान "
Dr Meenu Poonia
पैसे के बिना आज खुश कोई कहाॅं रहता है,
पैसे के बिना आज खुश कोई कहाॅं रहता है,
Ajit Kumar "Karn"
"तेरा-मेरा"
Dr. Kishan tandon kranti
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
Loading...