सफलता
सफलता
हर बार अच्छा कर
आगे बढ़ना भी सफलता है
हर बार पराजित, असफल ,
दु:खी होकर भी ,
आगे बढ़ना भी महानता हैं
हर बार आत्मविश्वास कर ,
मनोबल खोना हैं ।
हर पराजय से हुनर को निखार लाना है
एक बार की भूल से संबल जाना हैं
ठोकर तो लगना ही हैं , चौकस होना हैं
सरल , हारा व घायल को और कुचलते है
साहस मनोबल की शक्ति को और गिराते है
आदर्श कर्त्तव्य कर ,
कड़वा धेर्य का पौधा हैं
सफलता का मिठ़ा फल पाना हैं ,
शक्ति के शरण जाना सच्चा सौदा है
जीवन में आगे बढ़ना हैं ,
बहरे हो जाना हैं ,
मुढ़ भावना को दूर भगाना हैं
अपनी स्मृति भ्रमित न कर ,
लघु भाव नम्रता से ,
अपना एवं समाज का हित
साधना हैं
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– राजू गजभिये