Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

सफलता

ना जाने कौन दे गया ये मौका मुझे,
आज फिर वो सफलता का रास्ता मुझे नज़र आया है।
एक कदम आज फिर उस सफलता की ओर उठाने का मन मे ख्याल आया है।
ना जाने क्या जकड़ा हुआ है इन जंजीरों ने मुझे,
आज फिर इन जंजीरों को तोड़ने का मन में ख्याल आया है।
कितनी देर चल पाऊँगा उस रास्ते पर मैं, ये सोच कर मन मेरा डगमगाया है।
लेकिन एक कदम सफलता की ओर बढ़ाने का मन मे ख्याल आज फिर से आया है।
मैं जानता हूँ उस रास्ते पर मुश्किलें बहुत होगी,
पर ना जाने हर मुश्किल का सामना करने का हौसला मैने पाया है।
आज फिर न जाने एक कदम सफलता के ओर बढ़ाने का मन मे ख्याल आया है।
जब होगा मुश्किलों से सामना, तब ना डगमगाने दूंगा ये कदम।
दूर होगी हर मुश्किलें देखकर मेरे बढ़ते हुए कदम।
चुम लूंगा उस सफलता के शिखर को एक दिन,
क्योंकि आज फिर से मैंने सफल होने का एक मौका ओर पाया है।
ये मौका मैं ना दूंगा खोने ये ख्याल मन मे उठ आया है।
आज फिर सफलता के और एक कदम मैंने बढ़ाया है।

122 Views

You may also like these posts

#सियमात लौटाओ तो कभी
#सियमात लौटाओ तो कभी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
डॉ. दीपक बवेजा
दोहे
दोहे
Suryakant Dwivedi
मायड़ भौम रो सुख
मायड़ भौम रो सुख
लक्की सिंह चौहान
क्या कहूँ
क्या कहूँ
Ajay Mishra
"You’re going to realize it one day—that happiness was never
पूर्वार्थ
आज़ादी!
आज़ादी!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
"रूप" की गली से आरंभ होकर "नर्क" के गलियारे तक का मर्म बताने
*प्रणय*
मेरी मायूस सी
मेरी मायूस सी
Dr fauzia Naseem shad
एक कुंडलियां छंद-
एक कुंडलियां छंद-
Vijay kumar Pandey
सच्चे देशभक्त आजादी के मतवाले
सच्चे देशभक्त आजादी के मतवाले
rubichetanshukla 781
जीवन मे दोस्ती ऐसे इंसान से करो जो आपको भी समय आने पर सहायता
जीवन मे दोस्ती ऐसे इंसान से करो जो आपको भी समय आने पर सहायता
रुपेश कुमार
हिय–तरंगित कर रही हो....!
हिय–तरंगित कर रही हो....!
singh kunwar sarvendra vikram
अधि वर्ष
अधि वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
शिष्टाचार और सद्व्यवहार
शिष्टाचार और सद्व्यवहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
2973.*पूर्णिका*
2973.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
Kalamkash
सीख लिया है सभी ने अब
सीख लिया है सभी ने अब
gurudeenverma198
कभी कभी
कभी कभी
Shweta Soni
222. प्रेम करना भी इबादत है।
222. प्रेम करना भी इबादत है।
मधुसूदन गौतम
"गुनाह कुबूल गए"
Dr. Kishan tandon kranti
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
कविता
कविता
Shiva Awasthi
श्राद्ध पक्ष के दोहे
श्राद्ध पक्ष के दोहे
sushil sarna
रिश्ते
रिश्ते
Ashwini sharma
तेवरी कोई नयी विधा नहीं + नीतीश्वर शर्मा ‘नीरज’
तेवरी कोई नयी विधा नहीं + नीतीश्वर शर्मा ‘नीरज’
कवि रमेशराज
संभाल ले ज़रा आकर मुझे
संभाल ले ज़रा आकर मुझे
Jyoti Roshni
गीता मर्मज्ञ श्री दीनानाथ दिनेश जी
गीता मर्मज्ञ श्री दीनानाथ दिनेश जी
Ravi Prakash
मुश्किलों में उम्मीद यूँ मुस्कराती है
मुश्किलों में उम्मीद यूँ मुस्कराती है
VINOD CHAUHAN
Loading...