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28 Aug 2016 · 1 min read

सफर ये जो सुहाना है ।

सफ़र ये जो सुहाना है
होनी अनहोनी तो एक बहाना है
डूबते को तूने बचाना है
गिरते को उठाना है
बन जाओ पर्वत शिला तुम
ऐसा मुकाम तुझे पाना है
मुश्किलों में संभलते जाना है
हंसते हंसते खुशी के गीत गाना है
राह कैसी भी हो पर नेक हो
राही ने चलते जाना है
खफा हुए मुद्दतों से जो
तूने कोशिश कर मिलाना है
कर सका तू दुनिया के वास्ते कुछ
समझना हुआ सफल तेरा धरा पे आना है
पर इस उलझन में तूने
उस परमपिता को नहीं भुलाना है
मुमकिन नहीं मिले जो हमें पाना है
फिर भी तूने कोशिश करते जाना है
क्योंकि
सफर ये जो सुहाना है
होनी अनहोनी तो एक बहाना है..

© के.एस. मलिक 01.04.2014

Language: Hindi
2 Comments · 443 Views
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