Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Aug 2016 · 1 min read

सफर ये जो सुहाना है ।

सफ़र ये जो सुहाना है
होनी अनहोनी तो एक बहाना है
डूबते को तूने बचाना है
गिरते को उठाना है
बन जाओ पर्वत शिला तुम
ऐसा मुकाम तुझे पाना है
मुश्किलों में संभलते जाना है
हंसते हंसते खुशी के गीत गाना है
राह कैसी भी हो पर नेक हो
राही ने चलते जाना है
खफा हुए मुद्दतों से जो
तूने कोशिश कर मिलाना है
कर सका तू दुनिया के वास्ते कुछ
समझना हुआ सफल तेरा धरा पे आना है
पर इस उलझन में तूने
उस परमपिता को नहीं भुलाना है
मुमकिन नहीं मिले जो हमें पाना है
फिर भी तूने कोशिश करते जाना है
क्योंकि
सफर ये जो सुहाना है
होनी अनहोनी तो एक बहाना है..

© के.एस. मलिक 01.04.2014

Language: Hindi
2 Comments · 515 Views
Books from कृष्ण मलिक अम्बाला
View all

You may also like these posts

आसान होती तो समझा लेते
आसान होती तो समझा लेते
रुचि शर्मा
फ़रेब
फ़रेब
Sakhi
ख़बर है आपकी ‘प्रीतम’ मुहब्बत है उसे तुमसे
ख़बर है आपकी ‘प्रीतम’ मुहब्बत है उसे तुमसे
आर.एस. 'प्रीतम'
सुन मुसाफिर..., तु क्यू उदास बैठा है ।
सुन मुसाफिर..., तु क्यू उदास बैठा है ।
पूर्वार्थ
प्रॉमिस divas
प्रॉमिस divas
हिमांशु Kulshrestha
ये कैसी आज़ादी ?
ये कैसी आज़ादी ?
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
प्यार एक मीठा अहसास है
प्यार एक मीठा अहसास है
Sumangal Singh Sikarwar
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"I having the Consistency as
Nikita Gupta
" गुलाब "
Dr. Kishan tandon kranti
दान किसे
दान किसे
Sanjay ' शून्य'
यादें
यादें
Dipak Kumar "Girja"
एक पुरुष जब एक महिला को ही सब कुछ समझ लेता है या तो वह बेहद
एक पुरुष जब एक महिला को ही सब कुछ समझ लेता है या तो वह बेहद
Rj Anand Prajapati
कंस रावण संवाद
कंस रावण संवाद
Sudhir srivastava
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
ruby kumari
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
Atul "Krishn"
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
manjula chauhan
गुफ्तगू
गुफ्तगू
Karuna Bhalla
2583.पूर्णिका
2583.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दोहा पंचक. . . . . दम्भ
दोहा पंचक. . . . . दम्भ
sushil sarna
हमारी लता दीदी
हमारी लता दीदी
संजीवनी गुप्ता
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
#घरौंदा#
#घरौंदा#
Madhavi Srivastava
उड़ जा,उड़ जा पतंग,तू ऐसे रे
उड़ जा,उड़ जा पतंग,तू ऐसे रे
gurudeenverma198
पाँव फिर से जी उठे हैं
पाँव फिर से जी उठे हैं
Sanjay Narayan
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सबके संग रम जाते कृष्ण
सबके संग रम जाते कृष्ण
Pratibha Pandey
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
#क्या सिला दिया
#क्या सिला दिया
Radheshyam Khatik
* भैया दूज *
* भैया दूज *
surenderpal vaidya
Loading...