सफर अंजान राही नादान
सफर अंजान
राही नादान
मंजिल हो पास तो भी दिल क्या करे
सफर………
हमसफर भी नहीं
रहगुजर भी नहीं
मंजिल हो पास तो भी दिल क्या करे
सफर……….
न कोई पता
न कोई दिशा
मंजिल हो पास तो भी दिल क्या करे
सफर………
घड़ी बीत जाए
न पल हाथ आए
मंजिल हो पास तो भी दिल क्या करे
सफर………
संकल्प न लिया
हौंसला न किया
मंजिल हो पास तो भी दिल क्या करे
सफर………..
तिल-तिल मरता रहा
जो V9द डरता रहा
मंजिल हो पास तो भी दिल क्या करे
सफर………..