-सपूत भारत माता का –
वाणी में जिसकी मिलती,
सिंह जैसी दबंग दहाड़।
कर्मठ ऐसा वह जैसे,
हो कोई सुदृढ़ पहाड़।
जिसने विश्व में भारत,
का परचम लहराया।
दुश्मन भी अब हम पर,
आंख उठाने में थर्राया।
वह बहादुर हस्ती हैं,
हमारे प्रिय श्री नरेंद्र मोदी।
जिसके सम्मुख बड़े-बड़े,
महारथियों ने अपनी हेकड़ी खो दी।
जी एस टी के तोहफे से,
जनता को करों के जंजाल से उबारा।
स्वच्छता अभियान के साथ,
एक भारत श्रेष्ठ भारत का दिया नारा।
डिजिटल भारत, कैशलेस भारत द्वारा,
देश को बनाया सबल।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ के,
नारे से नारी को मिला नया सम्बल।
देते आ रहे थे अब तक जो,
पत्थरबाजों को निवाला।
उन देशद्रोहियों का कर,
दिया देश निकाला।
सेना चुन-चुन कर बना,
रही है उनकी चटनी।
वादी से हो रही है,
अब गद्दारों की छंटनी।
नारी शक्ति की राह से,
कंटकों को कर डाला साफ।
मुस्लिम बहन बेटियों को,
दिलाया पूरा इंसाफ।
दुखी पीड़िताओं को ढोंगी साधुओं,
के चंगुल से बाहर निकाला।
ऐसे कुकर्मियों को दी कठोर सजा,
सीधे ही जेलों में डाला।
सकल विश्व में भारत का,
मान – सम्मान बढ़ाया प्रतिपल।
भारत की बढ़ती शक्ति से,
अभिभूत है संसार सकल।
भारत के इस महान सपूत का,
रोम – रोम गाता है भारत के गुण गान।
भारत का यह बेटा चाहता है,
भारत को बनाना विश्व में सबसे महान।
——रंजना माथुर दिनांक 30/08/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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