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16 Jul 2023 · 1 min read

सपनो का शहर इलाहाबाद /लवकुश यादव “अज़ल”

कभी मन करे लौट आना सपनो के शहर इलाहाबाद,
हम भी हो जाएंगे खुश पाकर तुम्हारा साथ इलाहाबाद।
कुछ नींदों और ख्वाबों को छोड़ा जो तुम्हारे बाद,
चले आओ दौड़े मिलने हमसे फिर से इलाहाबाद -2।।

कभी हो जाओ जब तुम खुद से निराश,
चले आओ दौड़े मिलने हमसे फिर से इलाहाबाद -2।
हालात कोई भी संगम होके रहेगा इलाहाबाद-2,
कभी मन करे लौट आना सपनो के शहर इलाहाबाद।।

जब हैं आंखों में सपने इतने सुहावने तुम्हारे,
लेकर सपनो को अपने आ जाओ इलाहाबाद -2।
हम भी हो जाएंगे खुश पाकर तुम्हारा साथ इलाहाबाद,
लिख देंगे अज़ल दो चार गजल फिर नाम इलाहाबाद -2।।

ये लड़कपन है कैसा कैसी यादें तुम्हारी इलाहाबाद -2,
कुछ मीठी हैं यादें कुछ तरसती निगाहें तुम्हारे बाद।
कभी मन करे लौट आना सपनो के शहर इलाहाबाद,
हम भी हो जाएंगे खुश पाकर तुम्हारा साथ इलाहाबाद।।

लवकुश यादव “अज़ल”
अमेठी, उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
3 Likes · 362 Views
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