सपनों की उड़ान
“सपनों की उड़ान”
सपनों की उड़ान सजाने चलते हैं,
हार नहीं मानने की हर बार मनाने चलते हैं।
राहों में बिछी चुनौतियों को
हर मोड़ पर स्वीकार कर आगे बढ़ने चलते हैं।
सपनों की उड़ान में बाधाओं का रुख करते हुए,
संघर्ष और मेहनत से मंज़िल की और बढ़ते चलते हैं।
जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को चुनकर
सपनों की पंखों में उड़ान भरने चलते हैं।
सपनों की उड़ान से सजे जिंदगी के रंग,
हर दिन नई चुनौतियों से सिखने चलते हैं।
बस, सपनों की उड़ान सजाने चलते हैं,
हार नहीं मानने की हर बार मनाने चलते हैं।
कार्तिक नितिन शर्मा