सपने
चाहतों से भरी जिंदगी में
सपने आरामगाह
की तरह होते है।
जब भी हकीकत के गर्म
थपेड़ो से ऊब होने लगती है
जिंदगी सपनो में अपना
सुकून ढूढ़ लेती है।
और ऐसे सपने ,खुली ,
आँखों से देखे जाते है।
हम जिंदगी के किसी
भी पड़ाव पर हो खड़े
चिल मिलाती धूप हो
या गर्म ठण्डी छाँव
शमा सुहाना हो
या हो गमगीन
सपनो की आरामगाह
दे जाती है दो पल का सुकून।
समय के साथ बहुत
कुछ बदल गया
चाँद के बाद मंगल पर
जानें को है तैयार हम।
आँखों में महकती खुसबू
देखने वाली हर पीढ़ी
मुस्कुरा रही है फिल्मी
गाने सुनकर अब भी।
साँसों की लय
धड़कन की ताल पर
सुनाती रहेगी तराना।
जब तक जिन्दगी
गीतों के सुर मन के
तार छेड़ते रहेगे।
और सुरीली बनी
रहेगी कायनात।।