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17 Nov 2024 · 1 min read

“सपने हमारे”

“सपने हमारे”
घिस जाती हैं चप्पलें ,
पुरे करने में सपने ।
लोगों को लगता है ,
आसानी से पूरे हो जाते है ,
सपने हमारे।
…….✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

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