“सपने हमारे”
“सपने हमारे”
घिस जाती हैं चप्पलें ,
पुरे करने में सपने ।
लोगों को लगता है ,
आसानी से पूरे हो जाते है ,
सपने हमारे।
…….✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी
“सपने हमारे”
घिस जाती हैं चप्पलें ,
पुरे करने में सपने ।
लोगों को लगता है ,
आसानी से पूरे हो जाते है ,
सपने हमारे।
…….✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी