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5 Dec 2024 · 1 min read

सपने सच हो पाते बस क़िस्मत वालों के ही,

सपने सच हो पाते बस क़िस्मत वालों के ही,
सपने कुछ होते पूरे और रह जाते कुछ अधूरे वहीं!
सपने सच होकर ज़िंदगी को कर देते गुलज़ार,
सिमट जाती दुनियां अपूर्णता से जो रुलाते बार-बार!

…. अजित कर्ण ✍️

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