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22 Nov 2022 · 1 min read

– सपना जो अधूरा रह गया –

-सपना जो अधूरा रह गया-

एक सपना मेरा जो अधूरा रह गया,
होना था जिसे पूरा वो अधूरा रह गया,
चाहत थी अपनो के साथ की,
इस चाहत ने मुझे अकेला कर दिया,
कामना थी प्रेम ,सौहार्द,अपनत्व की,
अभिलाषाओं पर अपनो ने पानी फेर दिया,
इच्छा थी मेरी अपनो के अपनत्व की,
पाना चाहता था में जो अपनो का प्यार,
आकांक्षा थी पाने की बड़ो का दुलार,
सपना था बड़ा होकर के कुछ बड़ा करने का,
उच्च शासनाधीश, अधिकारी बनने का,
पुस्तके पढ़ने ,पुस्तकें लिखने का,
लोग जीतते है मत ,
मन को जीत कर मनजीत बनने का,
सपना था मेरा लेख पढ़ने का,
लेख पढ़कर आलेख लिखने का,
कविता को पढ़कर कविता लिखने का,
उपन्यास पढ़कर उपन्यास गढ़ने का,
इतिहास पढ़कर इतिहास रचने का,
टूट गया यह सपना जब छोड़ दिया अपनो ने साथ,
दिया दगा अपने ने कहलाए वे दगाबाज,
इस तरह गहलोत करता बयान,
भरत का था जो सपना वो अधूरा रह गया,

भरत गहलोत
जालोर राजस्थान,
सम्पर्क सूत्र-7742016184-

Language: Hindi
268 Views
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