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14 Nov 2024 · 1 min read

सन्तुलित मन के समान कोई तप नहीं है, और सन्तुष्टि के समान कोई

सन्तुलित मन के समान कोई तप नहीं है, और सन्तुष्टि के समान कोई सुख नहीं है; लोभ के समान कोई रोग नहीं है, और दया के समान कोई गुण नहीं है, जब जीवन में चीजें आसान होना बंद हो जाएं, तो समझ लीजिए कि आप सही राह पर हैं, सफलता अंतिम नहीं है, असफलता घातक नहीं है, यह जारी रखने का साहस है जो मायने रखता है…🙏🏃🏻चलते रहिए। सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।। विश्व का कल्याण हो। सुरक्षित रहिए, प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् … भारत माता की जय 🚭‼️

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