सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
‘नायक’ बनकर जिऊँ हरदम,आज में, यह भान है।
इसलिए ही अधर हर्षित,बाँटें शुभ, मुस्कान हैं।
स्व हृदय में रखता सदा मैं, सूर्य-सम अंदाज को।
सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
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Pt Brijesh Nayak
(बृजेश कुमार नायक)