*सदियों से सुख-दुख के मौसम, इस धरती पर आते हैं (हिंदी गजल)*
सदियों से सुख-दुख के मौसम, इस धरती पर आते हैं (हिंदी गजल)
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1)
सदियों से सुख-दुख के मौसम, इस धरती पर आते हैं
देखें कैसा लिखा भाग्य में, आप और हम पाते हैं
2)
पूर्व जन्म के पुण्यों से शुचि, सुंदर जिनका जन्म हुआ
ध्यान-योग की दीक्षा लेकर, ब्रह्मलोक वह जाते हैं
3)
मनुज जन्म है कर्म योनि में, इसमें मनुज स्वतंत्र हुआ
अच्छे और बुरे प्राणी सब, कर्मों से कहलाते हैं
4)
मिलते हैं दो लोग धरा पर, एक जटिल संरचना से
उलझट्टे किन-किन जन्मों के, जाने उन्हें मिलाते हैं
5)
गिनती की सॉंसें पाई हैं, सब ने धरती पर आकर
रंगमंच पर पल-दो पल का, खेल सभी दिखलाते हैं
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451