सदियों का अंधेरा
आप समझते हैं जिसे
शेखर की ग़ज़ल
रजनीशी फ़लसफ़े का
तर्ज़ुमा है केवल…
(१)
इस देश और समाज की
सारी मुश्किलों को
वह कर लेना चाहता है
इसके जरिए हल…
(२)
उसने अपना घर-बार
सब छोड़ दिया
ताकि बनाया जा सके
एक बेहतर कल…
(३)
उसके किसी साथी ने
दी थी जो तोहफ़े में
उसकी वही क़लम है
एक उसका बल…
(४)
सदियों का अंधेरा
मिटाने के लिए
कितना वक़्त चाहिए
सिर्फ़ एक पल…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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