सदा सुखी रहें भैया मेरे, यही कामना करती हूं
रक्षाबंधन के अवसर पर, ढेर दुआएं करती हूं
अपने हृदय के भाव भैया, तुम्हें समर्पित करती हूं
रहो सदा खुशहाल, ईश्वर से विनय हमारी
कंटक रहित सदा जीवन हो, ईश्वर से दुआ हमारी
नहीं कभी कोई संकट आए, फूले जीवन की क्यारी
भरे रहें धनधान्य सुख शांति, प्रतिष्ठा बड़े तुम्हारी
जब भी भैया याद हमारे, बचपन की आ जाती है
खो जाती हूं सुखद पलों में, आंख मेरी भर आती है
मनमोहक रंग विरंगे मेले, याद हैं वो सावन के झूले
नदिया की वो बाड़ सुहानी,सजे धजे प्राचीन शिवाले
गांव की गलियां संगी साथी, याद बहुत आते हैं
कितना अच्छा था वो सावन, हम भूल कहां पाते हैं
भेज रही हूं राखी तुमको, समय मिले तो आ जाना
पल दो पल ही सही, तुम मेरे संग बिता जाना
परी और अथर्व भी तुमको, याद बहुत करते हैं
कब आएंगे मम्मी मामा, पूछा अक्सर करते हैं
सदा सुखी रहें भैया मेरे, यही कामना करती हूं
रक्षाबंधन पर गीत प्रेम के, तुम्हें समर्पित करती हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी