सदा तुम्हारी झोली में
सदा तुम्हारी झोली में खुशियों की सौगात हो।
गम से कोशों दूर रहो फूलों की बरसात हो।
हँसी-खुशी हर दिन बीते,मंगलमय हो कार्य सब ,
चाँद-सितारों से रौशन सुखद सुहानी रात हो।
कर्म पथ पर बढ़े चलो,विजय पताका लेकर,
नित बढ़े सम्मान तेरा कदमों में कायनात हो।
रहे उजियारे से मन में आशाओं की प्रकाश ,
बनों प्रेरणा सबकी, आदर्श से आत्मसात हो।
सूरज-सा चमको-दमको,बनी रहे पहचान इक,
हर किसी के होठों पर केवल तुम्हारी बात हो।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली