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19 Aug 2019 · 1 min read

सदा तुम्हारी झोली में

सदा तुम्हारी झोली में खुशियों की सौगात हो।
गम से कोशों दूर रहो फूलों की बरसात हो।

हँसी-खुशी हर दिन बीते,मंगलमय हो कार्य सब ,
चाँद-सितारों से रौशन सुखद सुहानी रात हो।

कर्म पथ पर बढ़े चलो,विजय पताका लेकर,
नित बढ़े सम्मान तेरा कदमों में कायनात हो।

रहे उजियारे से मन में आशाओं की प्रकाश ,
बनों प्रेरणा सबकी, आदर्श से आत्मसात हो।

सूरज-सा चमको-दमको,बनी रहे पहचान इक,
हर किसी के होठों पर केवल तुम्हारी बात हो।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

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