सत् है सभी रोगो कि जडी बुटी
अंकित कहता हजार बार
मानो कहना एक बार
जग मेँ फैला जो ये प्यार
इसमेँ भटका पुरा ये संसार
इस प्यार व्यार को तुम सब छोडो
बस रब के आगे हाथ अब जोडो
इस प्यार कि सारी बाते झुठी
सत् है सभी रोगो कि जडी बुटी
प्यार को भुल ईशवर का तुम ज्ञान लो
है भलाई इसी मेँ के ईशवर को तुम पहचान लो।