Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2024 · 1 min read

सत्य

***सत्य***
सुबह उठो जल्दी
करो मार्निग वाक
मन मे रहे सदा ताजगी
रहो निरोगी बर्षो तक
आलस आधीन जो पडे रहे
हुआ सूर्योदय कूके काक
करवट बदले ना फिर भी
पडे रहे जो भी खाट
ऐसा जन ना करे तरक्की
होवे रोगी बर्षो तक ।।
**दिनेश कुमार गंगवार **

Language: Hindi
2 Likes · 103 Views
Books from Dinesh Kumar Gangwar
View all

You may also like these posts

श्री राम
श्री राम
Rajesh Kumar Kaurav
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
gurudeenverma198
जय कालरात्रि माता
जय कालरात्रि माता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बेबसी
बेबसी
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
4359.*पूर्णिका*
4359.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जय हिन्दू जय हिंदुस्तान,
जय हिन्दू जय हिंदुस्तान,
कृष्णकांत गुर्जर
एकांत मन
एकांत मन
TARAN VERMA
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Dr. Bharati Varma Bourai
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
Nitesh Chauhan
जिन्हें सिखाया तैरना, दरिया में हर बार
जिन्हें सिखाया तैरना, दरिया में हर बार
RAMESH SHARMA
#लघु_व्यंग्य-
#लघु_व्यंग्य-
*प्रणय*
स्वाभिमानी व्यक्ति हैं चलते हैं सीना ठोककर
स्वाभिमानी व्यक्ति हैं चलते हैं सीना ठोककर
Parvat Singh Rajput
रसों में रस बनारस है !
रसों में रस बनारस है !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
अमृत और विष
अमृत और विष
Shekhar Deshmukh
"बताओ"
Dr. Kishan tandon kranti
नज़्म
नज़्म
Jai Prakash Srivastav
"प्रेम प्रमुख है जीवन में ll
पूर्वार्थ
Revisiting the School Days
Revisiting the School Days
Deep Shikha
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
"लौटा दो मेरे दिल की क़िताब को यूँहीं बिना पढ़े"
Mamta Gupta
इंतज़ार करने की लत
इंतज़ार करने की लत
Chitra Bisht
हम क्या चाहते?
हम क्या चाहते?
Ankita Patel
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मृदुभाषी व्यक्ति मीठे अपने बोल से
मृदुभाषी व्यक्ति मीठे अपने बोल से
Ajit Kumar "Karn"
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
Sangeeta Beniwal
अपनी गलती से कुछ नहीं सीखना
अपनी गलती से कुछ नहीं सीखना
Paras Nath Jha
Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a
Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a
Chaahat
जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
Rajesh vyas
दोहे के भेद
दोहे के भेद
Dr.Pratibha Prakash
किया आहाँ गीत गाबैत छी ? जतय कमेंट करबा क अछि !
किया आहाँ गीत गाबैत छी ? जतय कमेंट करबा क अछि !
DrLakshman Jha Parimal
Loading...