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2 Apr 2024 · 1 min read

सत्य प्रेम से पाएंगे

शाश्वत सत्य प्रेम से मिलता
जन्म प्रेम से प्रभु लेता,
यम से अपने प्रमुख प्रश्न का
उत्तर पाता नचिकेता –

सबसे बढ़कर सत्य यही है
प्रेम करें सचराचर से।
सत्ता है सर्वत्र प्रेम की
लख लें भीतर बाहर से।।

सिवा प्रेम के सत्य नहीं कुछ
प्रेम हृदय का वासी है।
सृष्टि प्रेम से समुद्भूत है
प्रेम अमर अविनाशी है।।

बिना प्रेम के लगता हमको
अर्थहीन जीवन सारा।
प्रेम करें हम जड़-जंगम से
ईश नहीं इससे न्यारा।।

है अन्तिम निष्पत्ति यही- हम
सत्य प्रेम से पाएंगे।
जीवन जिएं प्रेममय यदि तो
जगदीश्वर मिल जाएंगे।।

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