सत्य क्या है ?
जीवन सत्य है,
विवेक का यह प्रकाश भी है,
इससे विमुख होना,
असत्य की मार्ग है ।
ज्ञान सत्य है,
जीवन रुपान्तरण का यह साधन भी हैं,
इसके विपक्ष मे होना,
मूर्ख की पहचान है ।
प्रेम सत्य है,
इसमें भोग भी हैं,
दोनों के बीच समानताएं देखना,
मानव और पशु में फर्क न समझना हैं ।
आस्था सत्य है,
अच्छे कर्मो का यह मार्ग भी है,
इसके विलोम में जाना,
पाखंड का प्रतीक है ।
आत्मशक्ति सत्य है,
सफल जीवन का यह मार्गदर्शक भी है,
खुद दूसरों का अधीन होना,
विवेक शक्ति खोना है ।
इच्छाशक्ति सत्य है,
लक्ष्य प्राप्ति का यह साधन भी है,
मनमस्तिष्क में नकारात्मकता भर्ना,
आत्मविश्वास खोना है ।
मृत्यु सत्य है,
नश्वर शरीर का यह अंत भी हैं,
आत्मा की इससे तुलना करना,
भ्रम जाल से ऊपर न उठना है ।
#दिनेश_यादव
काठमाण्डू (नेपाल)
(मौलिक रचना)