Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

सत्य क्या है ?

जीवन सत्य है,
विवेक का यह प्रकाश भी है,
इससे विमुख होना,
असत्य की मार्ग है ।

ज्ञान सत्य है,
जीवन रुपान्तरण का यह साधन भी हैं,
इसके विपक्ष मे होना,
मूर्ख की पहचान है ।

प्रेम सत्य है,
इसमें भोग भी हैं,
दोनों के बीच समानताएं देखना,
मानव और पशु में फर्क न समझना हैं ।

आस्था सत्य है,
अच्छे कर्मो का यह मार्ग भी है,
इसके विलोम में जाना,
पाखंड का प्रतीक है ।

आत्मशक्ति सत्य है,
सफल जीवन का यह मार्गदर्शक भी है,
खुद दूसरों का अधीन होना,
विवेक शक्ति खोना है ।

इच्छाशक्ति सत्य है,
लक्ष्य प्राप्ति का यह साधन भी है,
मनमस्तिष्क में नकारात्मकता भर्ना,
आत्मविश्वास खोना है ।

मृत्यु सत्य है,
नश्वर शरीर का यह अंत भी हैं,
आत्मा की इससे तुलना करना,
भ्रम जाल से ऊपर न उठना है ।
#दिनेश_यादव
काठमाण्डू (नेपाल)
(मौलिक रचना)

Language: Hindi
3 Likes · 100 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
View all
You may also like:
■ मिली-जुली ग़ज़ल
■ मिली-जुली ग़ज़ल
*प्रणय*
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
!! कौतूहल और सन्नाटा !!
!! कौतूहल और सन्नाटा !!
जय लगन कुमार हैप्पी
सुकून मिलता है तेरे पास होने से,
सुकून मिलता है तेरे पास होने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
दया समता समर्पण त्याग के आदर्श रघुनंदन।
दया समता समर्पण त्याग के आदर्श रघुनंदन।
जगदीश शर्मा सहज
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
*तन पर करिएगा नहीं, थोड़ा भी अभिमान( नौ दोहे )*
*तन पर करिएगा नहीं, थोड़ा भी अभिमान( नौ दोहे )*
Ravi Prakash
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
Rekha khichi
" सत कर्म"
Yogendra Chaturwedi
रिश्तों के
रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
4519.*पूर्णिका*
4519.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आकुल बसंत!
आकुल बसंत!
Neelam Sharma
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
अर्चना मुकेश मेहता
शायरी 2
शायरी 2
SURYA PRAKASH SHARMA
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
"उठो-जागो"
Dr. Kishan tandon kranti
कुदरत के रंग....एक सच
कुदरत के रंग....एक सच
Neeraj Agarwal
रक्षाबंधन का त्योहार
रक्षाबंधन का त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
Dr Archana Gupta
“बचपन में जब पढ़ा करते थे ,
“बचपन में जब पढ़ा करते थे ,
Neeraj kumar Soni
दिल  किसी का  दुखाना नही चाहिए
दिल किसी का दुखाना नही चाहिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बाल गीत
बाल गीत "लंबू चाचा आये हैं"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
कैसे मंजर दिखा गया,
कैसे मंजर दिखा गया,
sushil sarna
न जाने क्या ज़माना चाहता है
न जाने क्या ज़माना चाहता है
Dr. Alpana Suhasini
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
प्रेम की गहराई
प्रेम की गहराई
Dr Mukesh 'Aseemit'
आचार्य शुक्ल की कविता सम्बन्धी मान्यताएं
आचार्य शुक्ल की कविता सम्बन्धी मान्यताएं
कवि रमेशराज
A mans character on social media.
A mans character on social media.
पूर्वार्थ
Loading...