सत्य की मशाल
दुनिया नहीं है साथ तो क्या,
आगे तो बढ़ना होगा ।
आएगी मुसीबते तमाम तो क्या,
जीत का किला तो फतेह करना होगा ।।
आज खड़ा है अकेला तू,
वास्ता तेरा आदमखोरों से भी पड़ेगा ।
पर निराश, हताश न होना तू,
है विश्वास मजबूत तो पहाड़ों को भी राह से हटना पड़ेगा ।।
देख तुझे, जमाना तेरे पीछे आएगा ।
मत घबराना, अगला सिकंदर तू ही कहलाएगा ।।
न हो अपनों का साथ, तो भी मत करना मलाल ।
तेरी राहे रहेगी हमेशा रोशन,
क्योंकि हाथ में है तेरे सत्य की मशाल ।।