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12 Dec 2020 · 1 min read

सत्य की पुकार

सत्य की पुकार हो
तीरगी की हार हो

पाप बढ़े जमीन पर
तो सदैव वार हो

झूँठ को उखाड़ दो
क्यों न कर हजार हो

राम राज्य आज हो
हर किसी गुजार हो

दीप जल उठे धरा
फैलता पियार हो

धर्म हानि हो कभी
तब उठी कटार हो

भ्रष्ट लोग अति करे
तब कटार मार हो

भू हरी भरी रहे
दिल हरेक यार हो

नफरतें दफन करो
प्यार बरकरार हो

दीप सब जला रहे
तम सदा उतार हो

कर ~~ हाथ

डॉ मधु त्रिवेदी

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