“””सत्य की तलाश”””
कर रहा हूं तलाश, न हूं हताश।
उम्र चाहे है पचास।
आएगा कभी तो कोई मेरे पास।।
अभी तक तो।
किया जिन पर भी विश्वास।
आया नहीं उनको।
व्यवहार मेरा रास।।
कारण एक ही रहा।
“”सत्य”” का ही रहा।
मेरे अंदर वास।।
बताया समझाया पर कहां मानी।
कहते रहे।
करता है वह तो बकवास।।
इतना बीता और भी बीतेगा।
बना रहूंगा”” सत्य”” का दास।।
पता है मुझे होगी अंतिम विजय।
“” सत्य””का जहां निवास।।
राजेश व्यास अनुनय