सत्य की खोज
बडा कठिन है सत्य को पाना,
है बड़ा कठिन यह तानाबाना ।
एक नहीं कई रूप दिखाए
इसको अब तक कोई न जाना ॥ 1 ॥
सत्य को मैनें खोजा भीतर ,
सत्य को मैने जाना जीकर ।
सत्य हलाहल सा है कड़वा,
शिव शंभु ने देखा पीकर ॥ 2 ॥
सत्य छिपे न कभी छिपाए,
सत्य वही जो सच दिखलाए
कोई बचा न सत्य के आगे,
अतिकोमल है सत्य के धागे ॥ 3 ॥
जो दिखता वह सत्य नहीं है,
है जो छिपा अब सत्य वही है
खोज निकालो सत्य जहाँ है,
कूच करो तुम सत्य जहाँ है ॥ 4 ॥
सत्य न चाहे आग्रह केवल ,
सत्य तो माँगे साहस और बल
सत्य है निर्मल जल की धारा ,
है सभी समस्याओं का हल ॥ 5 ॥
स्वरचित
तरुण सिंह पवार
शिक्षक