सत्य कहां
सत्य सत्य सत्य सत्य
सत्य ढूंढता मना (मन)
सत्य के अनेक सत्य
सत्य बाकी फिर कहां
भोगी को देख ले जो भोग लगे सर्व सत्य
योगी के साथ बैठ योग दिखे परम सत्य
धर्मी को धर्म सत्य कर्मी को कम सत्य
लोभी को लोभ सत्य ,क्रोधी को क्रोध सत्य
तेरे लिए कौन सत्य अब बता रे तू मना
बालक को दिखे सत्य माता की गोद में,
यौवन को दिखे सत्य प्रेमी के वश में।
प्रौढों का सत्य जिम्मेदारियां उठा रहा,
और वृद्धो को सत्य दिखे मृत्यु के वश में।