सत्यमेव जयते
मान सरोवर साहित्य अकादमी दैनिक प्रतियोगिता
दिनांक,25/1/2024
रचनाकार, डॉ विजय कुमार कन्नौजे छत्तीसगढ़ रायपुर।
विषय, ;-सत्यमेव जयते
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सत्य सनातन धर्म का , यदि सम्मान सभी करते
सुख शांति समृद्धि सहित,मानव जन सब रहते।।
धर्म ना दुजा सत्य समाना राम चरित का है संदेश,
सत्यमेव जयते धारण कर,कटे धरा मानव क्लेश।।
कुरान ईमान की बात को, यदि जीवन में अपनाते Truth is God है बाईबल, हृदय धारण कर जाते
सभी सम्प्रदाय की मान्यता, सत्, सत्य ही कहते
सत्यमेव जयते धारण,हर प्राणी सुख हैं रहते।
सत्य दया प्रेम अहिंसा, सत्संग और अनुराग
हर सम्प्रदाय का सिद्धान्त यही, द्वेष कर त्याग।।
काम क्रोध मद लोभ हैं, मानवता का काल
लोगन को भ्रमित किया, माया का जंजाल।।
अविरल धारा प्रवाह है, निर्मल जल ,मन राख
निश्छल मन को राखिए, सत्यमेव जयते साख।।
कवि विजय की सोच में, मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे
ईंट पत्थर रेत का संगम, है एक महल हमारे।।
सभी महल हम सभी चले, सभी महल है एक
हर प्राणी हाड़ मांस पुतला,मानव, मानवता देख
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