सत्यमार्ग
——-सच का मार्ग——
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सत्यमेव जयते का नारा
देता साथ सदैव हमारा
सदैव चले हम सत्य पथ पर
बढ़ते रहें हम सत्य पथ पर
मुश्किलों से जो हो सामना
चाहे साथ ना चले जमाना
सुदृढ़ संकल्पित हो हौंसला
हार जीत का ना हो फांसला
अग्रसरण की हो बस चाहत
मिलती संतुष्टि, और राहत
पीछे ना हट जाएं बढ़ी राहें
अग्रसरी होंं,फैला कर बांहे
मन के भावों में ना खो जाएं
चित हार ना कहीं हो जाएं
मीन के नैत्र पर हो निशाना
चल पाएगा ना कोई बहाना
मुश्किल होती,परीक्षा घड़ी
मंजिलें सामने तुम्हारी खड़ी
तोड़ो तुम श्रम से यह कड़ी
मंजिलें हाथों में होंगी जड़ी
सच का हो सदा बोलबाला
झूठ का हो सदा मुंहकाला
सच का है असीमित दायरा
झूठ का बुलबुले सा दायरा
सत्य आत्मविश्वास बढ़ाए
झूठ आत्मविश्वास गिराए
झूठ का जो ले है सहारा
मिलता नहीं कोई किनारा
सत्यमार्ग कठिन डगर हैं
कामयाबी की यही डगर हैं
सच कभी पराजित ना होता
रास्ता बेशक लम्बा है होता
सुखविंद्र सत्य सदा परखता
जिंदगी में कभी नहीं हरता
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाला (कैथल)