सत्यप्रकाश भारद्वाज का लघुकथा संग्रह आशा की किरणें
नर्ई दिल्ली का अंशिका पब्लिकेशन द्वारा आशा की किरणें लघुकथा संग्रह प्रकाशित हुआ है। जिस का प्रथम संस्करण 2017 के प्रथम सप्ताह में आया है। जो 96 पेंज के पेपर बैक में है । जिस का मूल्य 150/- रुपए है। तथा पुस्तक का आवरण सोनू सहदेव ने बनाया है।
83 लघुकथाओं के संग्रह में यथार्थ और आदर्श के परिभूमि में लिखी लघुकथा है । जो कुंठाएँ के साथ- साथ सकारात्मक परिवेश में सफल हो रही है। लगता है कि लेखक के मन में समाज, देश, और परिवार के मूल्यों के ह्मस का आक्रोश दिखाई देता है। बाजारवाद ने सब कुछ बिकाऊ बना दिया है । ऐसा लघुकथाओ को पढने के बाद लगता है।
लेखक ग्रामीण पृष्ठभूमि से है जिस के कारण गाँव की पुरानी समस्याएँ जैसेः- अनपढ़ , अन्धविश्वास, आदि अनेक समस्या लघुकथाओं में मिलती है। वास्तविकता, आदमी की परिभाषा, जोंक, पराया हुआ गाँव, उपेक्षा, संकल्प, मर्यदा, ईश्वर का दूत, पराए लोग, रोटी का स्वाद, भगवान आए आदि सभी लघुकथा ऐसी ही है।
आशा की किरणें संग्रह में व्यंयात्मक, संवेदना, अन्धविश्वास, सामाजिक विसंगतियों का आत्मबोध लेखक में नंजर आया है यही सफल लघुकथा का राज है। सरल सहज भाषा शैली के कारण पाठक बहुत कुछ अपना सा महसुस करता है। लघुकथा समाज को दिशा देने का कार्य कर रही है। सफल संग्रह के लिए लेखक बधाई के पात्र है।