सताए मुझको
सताये मुझको आज वो मुलाकात
हुई थी तुमसे पहली मुलाकात
खड़े थे तरूवरू तले बारिश में
खड़कतीं बिजली जैसी मुलाकात
डरा सा तू और डरी सी मैं
हमेशा तड़पाये ये मुलाकात
मुझे याद नहीं कब आ गये पास
हसीँ प्यार भरी सी थी मुलाकात
न भूली अब तक उस नजदीकी को
बसी स्मृति में वो खास मुलाकात