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18 Nov 2021 · 2 min read

सतगुरु नानक

***** ਸਤਿਗੁਰੂ ਨਾਨਕ********
**************************

ਸਤਿਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਜੀ ਜੱਗ ਤੇ ਆਯਾ,
ਸੰਗਤਾਂ ਨੂੰ ਸਿੱਧੇ ਰਸਤੇ ਹੈ ਪਾਇਆ।
ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ,
ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ

ਦੀਨ – ਦੁਖੀਆਂ ਲੋਕਾਂ ਦਾ ਓ ਵਾਲ਼ੀ,
ਕਰਦਾ ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੱਗ ਦੀ ਰਖਵਾਲੀ,
ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ,
ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ।

ਜਦੋਂ ਬੰਦਾ ਬੰਦੇ ਦਾ ਹੀ ਵੈਰੀ ਹੋਇਆ,
ਧਰਮ ਜਾਤ ਦੀ ਦਲਦਲ ਚ ਖੋਇਆ,
ਜੱਗ ਚਾਨਣ ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਲਾਇਆ,
ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ।

ਜਦੋਂ ਮਾਇਆ ਠਗਨੀ ਨੇ ਠੱਗਿਆ,
ਮੋਹ – ਲੋਭ ਵਿਚ ਮਨ ਰਹੇ ਭਰਿਆ,
ਰੱਬ ਦਰਸ਼ਨ ਸਤਿਗੁਰੂ ਕਰਾਇਆ,
ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ।

ਸਬਨਾਂ ਦਾ ਤੂੰ ਹੈ ਬੇਅੰਤ ਸਵਾਮੀ,
ਤੇਰੀ ਮਾਇਆ ਤੂੰ ਸਦਾ ਹੀ ਜਾਣੀ,
ਜੱਗ ਨੂੰ ਤਾਰਣ ਸਤਿਗੁਰੂ ਆਇਆ,
ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ।

ਪਾਪਾਂ ਦਾ ਜਦ ਸੀ ਹਨੇਰਾ ਛਾਇਆ,
ਤੇਰਾ ਹੀ ਤੇਰਾ ਸਭ ਨੂੰ ਸਿਖਾਇਆ,
ਗਿਆਨ ਦੀਪ ਜਗਾਇਆ ਸਤਿਗੁਰੂ,
ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ।

ਸਤਿਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੀ ਸ਼ੋਭਾ ਪਿਆਰੀ,
ਤੇਰੀ ਲੀਲਾ ਹੀ ਸਭ ਤੋਂ ਹੈ ਨਿਆਰੀ,
ਸਦਾ ਸੱਚ ਦਾ ਰਾਹ ਹੈ ਵਿਖਾਇਆ,
ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ।

ਜੱਗਤ ਸਾਰਾ ਹੀ ਦੁੱਖਾਂ ਦਾ ਸਾਗਰ,
ਹਰ ਕੋਈ ਭਰਦਾ ਆਪਣੀ ਗਾਗਰ,
ਦੁਖਭੰਜਨ ਸੀ ਸਤਿਗੁਰੂ ਆਇਆ,
ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ।

ਤੇਰਾ ਭਾਣਾ ਸਦਾ ਮੀਠਾ ਹੀ ਲਾਗੇ,
ਜੋ ਤੁਮ ਕਰੋ ਸਬਕੋ ਹੈ ਜਗ ਕੋ ਸਾਜੇ,
ਨਾਮ ਜਾਪ ਕਰਾਇਆ ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ,
ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ।

ਮਨਸੀਰਤ ਸਤਿਗੁਰੂ ਲੜ ਲਾਗਾ,
ਸੋਯਾ ਹੋਇਆ ਭਾਗਯਾ ਹੈ ਜਾਗਾ,
ਸੁਖ ਸਾਹ ਦਿਵਾਇਆ ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ,
ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ।
*************************
ਸੁਖਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਮਨਸੀਰਤ
ਖੇੜੀ ਰਾਓ ਵਾਲੀ (ਕੈਥਲ)
**************************
**** सतगुरु नानक आया *****

सतगुरु नानक जग ते आया
संगता नूँ है सीधे रस्ते पाया
बेड़ा पार लगाया सतगुरु जी
सतगुरु जी बेड़ा पार लगाया

दीन दुखिया लोकां दा वाली
करदा सतगुरु जग रखवाली
सतगुरु जग विच फेरा पाया
सतगुरु जी बेड़ा पार लगाया

जदों बंदा बंदे दा वैरी होया
धर्म जात दी दलदल खोया
जग चाणन सतगुरू लाया
सतगुरु जी बेड़ा पार लगाया

जद माया ठगनी सी ठगया
मोह लोभ मन विच वसया
रब्ब दर्शन सतगुरु कराया
सतगुरु जी बेड़ा पार लगाया

सबनां दा तू बेअन्त स्वामी
तेरी माया तू ही सदा जानी
जग नूँ तारण सतगुरु आया
सतगुरु जी बेड़ा पार लगाया

पापां दा जद सी हनेरा छाया
मेरा ही मेरा भाव जग छाया
ज्ञान प्रकाश सतगुरू कराया
सतगुरु जी बेड़ा पार लगाया

सतगुरु नानक शोभा प्यारी
तेरी लीला लगे सब तो न्यारी
सच दा राह सतगुरु दिखाया
सतगुरु जी बेड़ा पार लगाया

जग सारा सी दुखां दा सागर
हर कोई भरदा अपनी गागर
दुख भंजन सतगुरु सी आया
सतगुरु जी बेड़ा पार लगाया

गुरुद्वारे विच नित मेले भरदे
हुम हमा संगता सजदा करदे
तन मन गल है सतगुरू पाया
सतगुरू जी बेड़ा पार लगाया

तेरा भाणा सबनूँ मीठा लागे
जो तुम कर दो जग को साजे
नाम का जाप सतगुरु जपाया
सतगुरू जी बेड़ा पार लगाया

मनसीरत सतगुरु लड़ लागा,
सोया हुआ जो था भाग्य जागा,
सुख का साह दवाया सतगुरु
सतगुरु जी बेड़ा पार लगाया।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
441 Views
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