सजे माँ का दरबार नवरात भी
छंद-शक्ति
मापनी- 122 122 122 12
पदांत- भी
समांत- आत
सजे माँ का’ दरबार नवरात भी.
चढ़े माँ का’ चोला व बारात भी.
करें आरती रोज हो जागरण,
सजे फूल माला जवा(ह)रात भी.
मनायें सभी माँ को’ परिवार सँग,
करायें भँडारे दें’ सौगात भी.
दशैरा दिवाली मनाएँ पुन:,
दहन हो दशानन को’ दें मात भी.
करें फिर से’ स्वागत नये साल का,
नई जिंदगी की हो’ शुरुआत भी.
टीप- (मात्रा पतन के लिए (‘) लगाया हे.