” सजना है सजना के लिए “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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काले से कुंतल मेरा रंगना ,
लाल से मेरी माँग भरो ,
नयनों में काजल की रेखा ,
हल्की लाल से ओठ रंगो !!
हल्दी चन्दन के लेपों से ,
मेरे तन को उबटन कर दो ,
रूप सजाना ऐसा मेरा ,
सब रंगों से मुझको भर दो !!
हाथों मेँ मेंहदी की लाली ,
मेरे पावों को भी रंग देना ,
खुसबू तरह- तरह की लाकर ,
मेरे तन- मन में तुम भर देना !!
झुमका ,वाली, चूड़ी ,ढ़डकस,
आभूषण से मुझे सजना ,
सुंदर -सुंदर परिधानों से ,
मेरे तन को खूब सजना !!
दर्पण भी शरमाके कहे ,
सुंदरता की तुम मूरत हो ,
एक बार जो देख ले तुझको,
जीवन उसका सफल कर दो !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लीनिक
एस0 पी0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत