सजना वे दूर जान वालया
सजना वे छड जान वालया
सच्चे प्यार नूं खेड क्यों बना लया
प्यार तेरे च खुद नूं लुटा लया
सजना वे दूर जान वालया
कित्थे गए तेरे वादे ,ओ पक्के सी इरादे
जो कसमा सी खाइयां ,ओ आके निभा दे
दिल तोड़ के कली छड जान वालया
सजना वे दूर जाण वालया
पा गल विच बाहवां ,जो पींघा न झुलाइयां
कर याद तू ओ थांवा, जो प्यार दिया न गवाहां
स्वर्गा़ दे ख्वाब दिखान वालया
सजना वे दूर जान वालया
क्यों छडया ए देश,केहड़े गया परदेश
क्यों जाण तो पहलां,ना दिता सद्दा संदेश
निमानी जिन्द नूं दुखां च पौण वालया
सजना वे दूर जान वालया
जिहड़ी दगा तू कमाई, बन गया हरजाई
कर तू बेवफाई, जिन्द सूली ते चढाई
प्यार किश्ती अध च डुबा जान वालया
सजना वे दूर जान वालया
सजना वे दूर जान वालया
सच्चे प्यार नूं खेड क्यों बना लया
प्यार तेरे च खुद नूं लूटा लया
सजना वे दूर जाण वालया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत