Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2023 · 1 min read

सजदा

तेरे सजदे में सर झुका तो सुकूँ आया
तेरी चौखट पे मैंने अपना जहाँ पाया

तू ही मालिक इस सारी कायनात का
तुझसे हटकर न मैने कोई वजूद पाया।।

नूरानी है तेरा चेहरा ही मेरा आलम सारा
जन्नत का नजारा कदमों में तेरे मैंने पाया।।

तेरी मैहर की नज़र ही मकसद ज़िंदगी का
तेरे पहलू में अपना मुकद्दस मुकद्दर पाया।।

तेरा इल्म ही दौलत है दोनों जहाँ की
तू खुदा तेरी रहमत का शुक्राना खुदाया।।

तू ही रहबर रहनुमा मुरशिद मेरे आला
तेरी इवादत ही प्यार का बन गया नुमाया।।

फिदा हो सके मेरी जानो ज़िन्द तुझपे
ख्वाब इतना ही मेरे मौला मैंने पाया।।

Language: Hindi
18 Likes · 5 Comments · 192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all
You may also like:
कितनी बार शर्मिंदा हुआ जाए,
कितनी बार शर्मिंदा हुआ जाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
अनिल कुमार
बच्चो की कविता -गधा बड़ा भोला
बच्चो की कविता -गधा बड़ा भोला
कुमार
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
Neelofar Khan
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
" नयी दुनियाँ "
DrLakshman Jha Parimal
नहीं, अब ऐसा नहीं हो सकता
नहीं, अब ऐसा नहीं हो सकता
gurudeenverma198
!! सुविचार !!
!! सुविचार !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
*Fruits of Karma*
*Fruits of Karma*
Poonam Matia
2514.पूर्णिका
2514.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
जीवन का एक और बसंत
जीवन का एक और बसंत
नवीन जोशी 'नवल'
God O God
God O God
VINOD CHAUHAN
...
...
Ravi Yadav
लब्ज़ परखने वाले अक्सर,
लब्ज़ परखने वाले अक्सर,
ओसमणी साहू 'ओश'
जात आदमी के
जात आदमी के
AJAY AMITABH SUMAN
वो अपना अंतिम मिलन..
वो अपना अंतिम मिलन..
Rashmi Sanjay
विषय :- रक्त रंजित मानवीयता रस-वीभत्स रस विधा-मधुमालती छंद आधारित गीत मापनी-2212 , 2212
विषय :- रक्त रंजित मानवीयता रस-वीभत्स रस विधा-मधुमालती छंद आधारित गीत मापनी-2212 , 2212
Neelam Sharma
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा दिन भी आएगा !
मेरा दिन भी आएगा !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मेघों का मेला लगा,
मेघों का मेला लगा,
sushil sarna
साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर: व्यक्तित्व आ कृतित्व।
साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर: व्यक्तित्व आ कृतित्व।
Acharya Rama Nand Mandal
तलाशता हूँ -
तलाशता हूँ - "प्रणय यात्रा" के निशाँ  
Atul "Krishn"
विवेकवान मशीन
विवेकवान मशीन
Sandeep Pande
किसान की संवेदना
किसान की संवेदना
Dr. Vaishali Verma
जय बोलो मानवता की🙏
जय बोलो मानवता की🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
Jogendar singh
आज शाम 5 बजे से लगातार सुनिए, सियासी ज्योतिषियों और दरबारियो
आज शाम 5 बजे से लगातार सुनिए, सियासी ज्योतिषियों और दरबारियो
*प्रणय प्रभात*
Loading...