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20 Mar 2024 · 1 min read

“सच”

खोज पूरी होना ही अंत है,
सच की खोज तो अनंत है।

जो शाश्वत है उसकी खोज कैसी?
जो अंत है, अनंत है, फिर खोज कैसी?

जो सनातन है, जवलंत है वो ही सच है,
कभी आदि तो कभी अंत ही सच है।

दूसरे के लिए ना हो जिसे एक ने माना सच है,
क्योंकि हर किसी का अपना अपना सच है।

हर कोई उस अंतिम सच की खोज में है,
अंतिम सच होता है जब आत्मा मौज में है।

खजान सिंह नैन
20.03.2024

3 Likes · 1 Comment · 114 Views
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