“सच सरकार का”
वो लोग जो सरकार में हैं,या सरकार खुद को मानते हैं,
जीतने के बाद..
न ही जनता की सुनते कभी फिर,न ही जनता को जानते हैं,
समस्याएं ढेर सारी,निराकरण मिलता नहीं,
जीतनें के बाद नेता,जनता की सुनता नहीं।
युवा बेरोजगार हैं,पढ़ा-लिखा बेकार है,
मिलता न रोजगार हैं,ऐसे नेता और सरकार हैं।
झूठे वादे,घोषणाएं करते हैं लाखों मगर,
लोग भूखे मर रहे हैं,बेअसर सरकार है।
किसानों को लालच देकर करती झूठे वायदे,
जीतने के बाद सारे भूल जाती कायदे
देखती सरकार केवल सिर्फ अपने फायदे,
कुर्सी पे बैठा हुआ हर नेता गद्दार है
जनता को गुमराह करके चला रहा सरकार है।
लाखों समस्याओं से,जूझती हैं जनता इस देश में,
नेताजी तो ऐश करते-घूमते हैं विदेश में
दोहरे चेहरे हर नेता के हैं इस देश में,
छल रहे हैं सिर्फ जनता को नेताओं के भेष में
जुमलेबाज,भ्रष्टाचारी ऐसे नेता को धिक्कार हैं,
जनता की न मदद करती कोई भी सरकार हैं।
पाँच साल बाद,
आती फिर जनता की याद
करते हैं फिर बातें और वादे इस बार होगा बदलाव,
बस करिये इस बार सहयोग और जिताइये चुनाव
भर-भर के परोसते हैं फिर सबको शाही पुलाव,
अब ऐसे नेताओं से बचना जो भ्रष्ट और लाचार हैं,
‘मत’ देना उसको ही जो सच्चा,अच्छा समझदार है।
मतदान के लिये..
जागो जनता,दिखाओ क्षमता होकर नक्कालों से सावधान।
अपना अधिकार जान,अच्छे नेता की कर पहचान,इस बार करो सभी मतदान॥
शिवांकित तिवारी “शिवा”