सच सच बोलो
दिल पर रखो हाथ
और सच-सच बोलो
किसने बहती नदी में
यहां,कंकड़ नहीं फेंके।।
भीड़, हिंसा, दमन, तंज
मान, मर्यादा, लाज, शर्म
आलोचनाओं का अमृत
यहां किसने नहीं पीया?
उठा-पटक और राजनीति
कुत्सित देह, दृश्य विकार
सत्य, सनातन की हत्याएं
यहाँ, किसने नहीं की?
असहमति पर सहमति
धृतराष्ट्र जैसा आचरण
दुर्योधन, दुःशासन, कंस
यहाँ, किसके नहीं अंश?
मृगतृष्णा के मंडप में
मायावी दूल्हा बनकर
अनीति, अशरण, बलात
किसने दहेज नहीं लिया?
मंगल मुख पर शिशुपाल
अभद्र अमंगल विष बोल
शकुनि सम बिसात यहाँ
किसने नहीं बिछाई..?
सूर्यकांत