सच लिख दूं
सच लिख दूं
क्यूं लिख दूं कैसे लिख दूं
क्या आप सच का साथ देंगे
क्या आप मेरा साथ देंगे
मुझे डर है
मैं सच लिखकर रह ना जाऊं अकेला
आपकी आवाज उठाने के चक्कर में
कहीं दफना ना दी जायेगी मेरी आवाज़
मिटा ना दी जाएं मेरे सांसों की डोरी
जब देखता हूं आपको
फेसबुक , व्हाट्सएप,यूं टयूव , इंस्टाग्राम, ट्यूटर पर तो लगता है
मुझे भी लिखना चाहिए सच
मुझे भी उठानी चाहिए आवाज
मगर
डरता हूं आपकी सच्चाई देखकर
सच में तो आप साथ देते ही नहीं
छोड़ देते हो अकेला
बिल्कुल अकेला
क्यूं …..?
क्या सच में इसी को कहते हैं मिशन?
जब कोई आवाज उठा रहा हो तो
आप पीछे की ओर दौड़ने लगते हो
और उसके बर्बाद होने पर
उसके मरने के बाद
सड़कों पर दौड़ने लगते हो आंदोलन बताकर
न्याय दिलाने के लिए
संघर्ष और एकता का पाठ पढ़ाने के लिए
ये कौन सा चेहरा है तुम्हारा
ये कौन सा चरित्र है तुम्हारा
ये कौन सा मिशन है तुम्हारा
ये सवाल सिर्फ मैं ही नहीं पूछ रहा हूं……… बल्कि लाखों करोड़ों वो मिशनरी पूछ रहे हैं जो तुम्हारे इसी दोहरे चरित्र के कारण
या तो घर में बैठे घुट रहें हैं
या जेल में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं
या फिर इतने पिताडित कियें है कि
अब वो किसी भी बात पर बोल ही नहीं पाते
या फिर मार दिए जाते हैं
……. मैंने भी ऐसी यातनाएं झेलनी है कई बार और मेरी चीख सुनकर भी कर दी गई अनसुनी।
……..की लोग करते हैं सवाल और कहते हैं ….. यदि आप जैसे लोग आवाज उठानी कर देंगे बंद तो इस कौम का और मिशन का क्या होगा …..?
कैसे और क्या जबाव दूं
आप ही बोल दीजिए प्लीज़।।