मेरी कलम से बिखरी स्याही कभी गुनगुनाएंगे,
जो दिखाते हैं हम वो जताते नहीं
हसरतें
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मैंने, निज मत का दान किया;
ऐसे ही थोड़ी किसी का नाम हुआ होगा।
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
शिक्षा का उद्देश्य भूल गए, नव छात्र ये कर्म भूल गए
"रेलगाड़ी सी ज़िन्दगी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ज़िंदगी में बहुत कुछ सीखा है...
जब भी आपसे कोई व्यक्ति खफ़ा होता है तो इसका मतलब यह नहीं है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..