सच तो यह है
(4)
सच तो यह है कि प्यार तुमसे है।
बेहद और बे’शुमार तुमसे है ।।
दिल का तुम पर एतमाद क्या कहिये।
मेरा मुझे पर एतबार तुमसे है ॥
लौट आना इस उम्मीद पर मेरी ।
मैं ‘ और मेरा इंतज़ार तुमसे है ।।
सिलसिला हो शाद मेरी सांसों का।
रूह का मेरी निखार तुम से है ।।
सच तो यह है कि प्यार तुमसे है।
बेहद और बे’शुमार तुमसे है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद