सच क्या है ?
सच क्या है ?
वो जो सबको दिखलाया जाता है
या वो जो पीछे छुपाया जाता है ?
सच क्या है ?
वो जो चिल्ला कर बताया जाता है
या वो जो चुप रह कर दबाया जाता है ?
सच क्या है ?
वो जो सत्ता के सनक में डोलता है
या वो जो जनता के हक में बोलता है ?
सच क्या है ?
वो जो सच को तराजू में तौलता है
या वो जो अन्याय से तेल सा खौलता है ?
सच क्या है ?
वो जो सच में भी अपमानित होता है
या वो जो झूठ से ही सम्मानित होता है ?
सच क्या है ?
वो जो न्याय के लिए हर वक्त सोचता है
या वो जो अन्याय करके ही जीतता है ?
सच क्या है ?
वो जो रेशमी मक्कारी ओढ़ कर रहता है
या वो जो फटी चादर तान कर सोता है ?
सच क्या है ?
वो जो सब पा कर भी असंतुष्ट है
या वो जो कुछ नही में भी संतुष्ट है ?
सच क्या है ?
वो जो चेहरा ढकने को नक़ाब डालता है
या वो जो खुला चेहरा ले कर घुमता है ?
सच क्या है ?
वो जो अपनों को मारता है
या वो जो अपनों से हारता है ?
सच क्या है ?
वो जो हर एक को परेशानी में डालता है
या वो जो सबको मुसीबत से तारता है ?
सच क्या है ?
वो जो सबके लिए डट कर सहता है
या वो जो झूठ से सट कर रहता है ?
सच क्या है ?
वो जो मुश्किलों से भागता है
या वो जो विपत्ति में जागता है ?
सच क्या है ?
वो जो बात कहने में अटकता है
या वो जो आसानी से कहता है ?
सच क्या है ?
वो जो रौशनी में भी छुपता है
या वो जो अंधेरों में भी दिखता है ?
सच वो है
जो सबकी समझ में तो आता है
पर किसी से बोला नही जाता है ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 18/09/2020 )