“सच के खिलाफ विद्रोह करते हैं ll
“सच के खिलाफ विद्रोह करते हैं ll
लोग झूठ से साफ मोह रखते हैं ll
सच को न मान न सम्मान मिलता है,
झूठ के लिए भव्य समारोह करते हैं ll
सच बेचारे अकेले रखे जाते है,
झूठ अपने साथ गिरोह रखते हैं ll
कड़वा सच किसी के गले नहीं उतरता,
झूठ मीठा बोल बोलकर सम्मोह करते हैं ll
सच को मुश्किल काम मंजिल लगती हैं,
झूठ को आसान काम अवरोह लगते हैं ll”