सच कहूँ…!!!
कोहरा छाया,
तम गहराया,
सच कहूँ…!
गुमसुम है साया,
उदास मित्र,
धूमिल चित्र,
सच कहूँ…!
स्थिति विचित्र,
उसके बिन,
सुख जाए छिन,
सच कहूँ….!
वो है अभिन्न,
बहुत प्यारा,
जग से न्यारा,
सच कहूँ….!
दिल से हमारा,
बहुत अनुपम,
है वो मनोरम,
सच कहूँ….!
वो है सर्वोत्तम,
उसकी मुस्कान,
मेरा जहान,
सच कहूँ….!
वो मेरा मान,
——–जेपीएल